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क्वीन ऑफ कप्स

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अपराईट भविष्य कथन का महत्व



प्यार करने वाली माँ, कोमल, खुशी, करुणामयी, देखभाल करने वाली, भावनात्मक रूप से स्थिर, सहज, प्रवाह में।

आप बहोत नसीब वाले हैं जिन्हे प्यार करने वाली माँ मिली है।आपकी वृत्ती कोमल है।मानो सबके जीवन में खुशी निर्माण करने के लिए आपका जन्म हुआ है। करुणामयी, देखभाल करने वाली स्त्री आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है। यह स्त्री आपकी, माँ, बहन, पत्नि, प्रेमिका, पडोसन, फ्रेण्ड, रिश्तेदार कोई भी हो सकती है। यह स्त्री आपको भावनात्मक रूप से स्थिर होने में मदत करती है या करेगी। एक पुरुष को ही कोई स्त्री सपोर्ट करे यह जरूरी नहीं एक स्त्री भी दूसरे स्त्री की मदद कर सकती है। कुल मिलाकर आपका जीवन सहज है। प्रवाह में बहते हुए जा रहे हैं। अच्छा है।

रिवर्स भविष्य कथन



विकृत, दुखी, उदास, अति सक्रिय कल्पना, आंतरिक भावनाएं, आत्म-देखभाल, आत्म-प्रेम, सह-निर्भरता।

आपके आजू बाजू विकृत मित्र हो सकते हैं।वे लोग दुखी, उदास दिखाई देंगे। किंतु अपने अति सक्रिय मन और उसकी कल्पना के आंतरिक भावनाएं इन सबसे थोडा वक्त सोचने के लिए निकाले। आत्म-देखभाल, आत्म-प्रेम, सह-निर्भरता सब कुछ जरूरी है जीवन में खुशिया बरकरार रखने के लिए।

युरोपिय टैरो कार्ड अभ्यास वस्तु



यह कप कार्ड रीडर्स के साथ-साथ कार्ड के अंदर की रानी के लिए भी आश्चर्य है। यह कप किसी भी दृष्टि से कप नहीं है। यह एक एलियंस गैजेट जैसा कुछ है। तीन प्रकार के कप मायनर अर्काना में हैं।



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रानी अपने सफेद कपड़ों में लकड़ी की कुर्सी पर बैठी है।

कुर्सी पर तीन बच्चों की मूर्तियां उकेरी गई हैं। ग्रीक मायथॉलोजी में इसे कामदेव, इच्छा के देवता, कामुक प्रेम, आकर्षण और स्नेह की देवता माना जाता है।

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नदी के प्रवाह में कंकड़ हैं और रानी नदी के प्रवाह के बीच में बैठी है।

प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड अभ्यास वस्तु


अधेड़ उम्र की भारतीय रानी मयूर सिंहासन पर विराजमान है।

रानी कलश को देख रही है। वह रानी उलूपी है। वह एक नागा राजकुमारी थी। नागा साम्राज्य गंगा नदी के पानी के नीचे था।

उसने अर्जुन को पानी के नीचे खींच लिया। बाद में दोनों ने शादी कर ली। अर्जुन और उलूपी ने पुत्र इरवान को जन्म दिया। उलूपी ने अर्जुन को वरदान दिया कि पानी के नीचे के सभी जीव उसकी बात मानेंगे। उसे पानी के भीतर किसी भी ताकत से नहीं हराया जा सकता है।

अर्जुन के चले जाने के बाद रानी दुखी हुई थी।

(विस्तृत कहानी )

अर्जुन की चौथी पत्नी का नाम जलपरी नागकन्या उलूपी था। उन्हीं ने अर्जुन को जल में हानिरहित रहने का वरदान दिया था। महाभारत युद्ध में अपने गुरु भीष्म पितामह को मारने के बाद ब्रह्मा-पुत्र से शापित होने के बाद उलूपी ने ही अर्जुन को शापमुक्त भी किया था और अपने सौतेले पुत्र बभ्रुवाहन के हाथों मारे जाने पर उलूपी ने ही अर्जुन को पुनर्जीवित भी कर दिया था। विष्णु पुराण के अनुसार अर्जुन से उलूपी ने इरावन नामक पुत्र को जन्म दिया।

द्रौपदी, जो पांचों पांडवों की पत्नी थीं, 1-1 साल के समय-अंतराल के लिए हर पांडव के साथ रहती थी। उस समय किसी दूसरे पांडव को द्रौपदी के आवास में आने की अनुमति नहीं थी। इस नियम को तोड़ने वाले को 1 साल तक देश से बाहर रहने का दंड था।

अर्जुन और द्रौपदी की एक वर्ष की अवधि अभी-अभी समाप्त हुई थी और द्रौपदी-युधिष्ठिर के साथ का एक वर्ष का समय शुरू हुआ था। अर्जुन भूलवश द्रौपदी के आवास पर ही अपना तीर-धनुष भूल आए। पर ब्राह्मण के पशुओं की रक्षा के लिए लिए उन्हें उसी समय इसकी जरूरत पड़ी अत: क्षत्रिय धर्म का पालन करने के लिए तीर-धनुष लेने के लिए नियम तोड़ते हुए वह द्रौपदी के निवास में दाखिल हुए। जिसके दंड स्वरूप वे एक साल के लिए राज्य से बाहर चले गए।

इसी एक साल के वनवास के दौरान अर्जुन की मुलाकात उलूपी से हुई और वह अर्जुन पर मोहित हो गईं। वह उन्हें खींचकर अपने नागलोक में ले गई और उसके अनुरोध करने पर अर्जुन को उससे विवाह करना पड़ा।

अर्जुन सूर्योदय होने पर उलूपी के साथ नागलोक से ऊपर को उठे और फिर से हरिद्वार (गंगाद्वार) में गंगा के तट पर आ पहुंचे। उलूपी उन्हेर वहां छोड़कर पुन: अपने घर को लौट गई। जाते समय उसने अर्जुन को यह वर दिया कि आप जल में सर्वत्र अजेय होंगे और सभी जलचर आपके वश में रहेंगे।

अर्जुन और नागकन्या उलूपी के पुत्र का नाम इरावान रखा गया। भीष्म पर्व के 90वें अध्याय में संजय धृतराष्ट्र को इरावान का परिचय देते हैं कि इरावान नागराज कौरव्य की पुत्री उलूपी के गर्भ से अर्जुन द्वारा उत्पन्न किया गया था।

इरावान सदा मातृकुल में रहा। वह नागलोक में ही माता उलूपी द्वारा पाल-पोसकर बड़ा किया गया और सब प्रकार से वहीं उसकी रक्षा की गयी थी। इरावान भी अपने पिता अर्जुन की भांति रूपवान, बलवान, गुणवान और सत्य पराक्रमी था।





प्राचीन भारतीय टैरो कार्ड

द फूल

द मैजिशियन

द हाई प्रिस्टेस

द एम्प्रेस

द एम्परर

द हेरोफंट

द लवर्स

द चैरीओट

द स्ट्रेंग्थ

द हरमिट

द व्हील ऑफ फॉर्चून

जस्टिस

द हैंग्ड मैन

द डेथ

टेम्परंस

द डेविल

द टावर

द स्टार

द मून

द सन

जजमेंट

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